On 15 August 2021 India is going to celebrate the 75th Independence. Most of the students who have to speak in their school college there are looking for the 15 August Speech in Hindi. Here we have provided the awesome speech which you can speak and show your view on the 15th of August.
Independence Day Speech in Hindi
परम सम्मानीय………………., सभा में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
मैं……….. भारत की 75 में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में अपने कुछ विचार आप सबों के साथ साँझा करना चाहूंगा |
आजादी का असली मतलब तो वही लोग समझ सकते हैं जो कभी किसी का गुलामी किया हो,
हम सौभाग्यशाली है कि हमने स्वतंत्र भारत में जन्म लिया
यूं तो आजादी की लौ 1857 में ही जल चुकी थी जो वरसाल बनकर 1947 में भारत को आजाद करायी |
प्राचीन मध्यकालीन एवं वर्तमान भारत के उदाहरण से स्पष्ट करना चाहूंगा.
जब हम जब हम फिरनगियो फेरे में फंस गए थे,
तो रंग दे बसंती चोला एक आवाज पर टोलो की टोले उमर परती थी और उनके वंदे मातरम के नारों से खून में आने वाला 5. 5. डिग्री का तूफान, अंग्रेजी शासकों की जड़ों में तूफान ला देता था|
लोग देश के लिये मर जाते थे , लोग मिट जाते थे , फांसी चढ़ जाते थे
तो वो भी अपने देशभक्ति को साबित कर रहे होते, क्योंकि वह उस दौड़ की देशभक्ति की यही कसौटी थी |
उसके बाद 1962, 65 & 71 के समय अपना सुहाग गवा देने वाली औरतों के घर के हालात ये हो जाया करती थी |
प्यार भी भरपूर गया, मांग का सिंदूर गया ,
नन्हे नौनिहालों की लंगोटिया चली गई
छोटी बेटियों की चोटियां चली गई
बाप की कमाई गई , भाई की पढ़ाई गई
ऐसा एक विस्फोट हुआ पूरे जिस्म के कई बोटिया कई बोटिया चली गयी |
और आपके लिए सिर्फ एक आदमी मरा है, साहब आपके लिए एक आदमी मरा है हमारे घर की रोटियां चली गई |
ऐसे वाले हालत पैदा हो जाने के बाद एक मां बेटे को सरहद पर दुश्मनों की धज्जियां उड़ाने के लिए भेज देती थी , और उसे पत्र लिखकर भेजा करती थी | अम्मा ने खत लिखा है बड़े चाव से मेरे पुत्र ना घबरा जाना, 1 इंच भी पीछे ना हट ना, | चाहे इंच कट जाना ||
इस तरह पूरा परिवार देशभक्ति साबित कर रहा होता था | तब देश बलिदान मांगता था, देश लड़ जाने को कहता था, मिट जाने, फांसी चढ़ जाने को कहता था |
किंतु आज देश
लड़ जाने को नहीं कहता, आज देश मिट जाने को नहीं कहता , लड़ जाने, मिट जा, फांसी चढ़ जाने को नहीं करता, बल्कि मेरे विचारों में
यदि कोई व्यक्ति अपना काम पूरी ईमानदारी, पूरी लगन और पूरी मेहनत से करे वही देशभक्ति है |
अगर कोई 8-10 वर्ष का लड़का अपना पढाई की जगह, बाल बाजदूरी किसी तिरंगे बनाने वाली कारखाना में कार्य करता है तो क्या हम उसे उसकी देश भक्ति कहेंगे | यह उसकी देशभक्ति नहीं, उसके पेट की भूख की शक्ति है, जो उसे ऐसा करने को मजबूर करती है |
क्योंकि भूख ना मस्जिद को जानते हैं, ना न देवालय को जानते हैं, न मस्जिद को जानते हैं ना देवालय को जानते हैं – जो पेट की भूखे होते हैं न वे सिर्फ भोजन के निवाले को जानते हैं, भोजन के निवाले को जानते हैं|
अपने परिवार, अपने समाज, अपने देश के लिए समर्पण के भाव है देश भक्ति, और हर देशद्रोही के जीवन में आने वाला तूफान है हमारी सच्ची देशभक्ति, ताकि हर देशद्रोही यह समझ सके
तुम परिंदा हो तो यह आसमान तुम्हारा है
अगर तुम दरिंदा हो तो यह शमशान तुम्हारा है
भाईचारा से रहना है तो रह इस जमीन पर वरना या कब्र भी तेरा है और कब्रिस्तान भी तुम्हारा तुम्हारा है |
जब देशद्रोही से ज्यादा एक देश भक्ति तब आहट होती है – जब एक बेटा अपने बूढ़े मां-बाप को वृद्ध आश्रम की चौखट पर छोड़ आते हैं |
कराह उठती है उस वक्त देश भक्ति जब मुसीबत में फंसे लोग की जान बचाने से ज्यादा हम सेल्फी लेकर लाइक बढ़ाने में लगे रहते है |
आज के इस दौर में वह युवा जिसके ऊपर जिम्मेदारी थी अपने देश, अपने समाज, अपने राष्ट्र की आशाओं को बांधे रखने की – वही हुआ अब 4 by 10 इंच की छोटी सी है स्क्रीन पर अपनी कोमल- कोमल उंगलियों के कसरत मात्र से भावनाओ का इमोजी भेज रहा है |
Download this speech on 15th August Indpendece Day 2021 – PDF
चार बोतल वोडका काम मेरा रोज का – भारत का भविष्य तबाह कर रखा है |
हम ऐसे समाज में जीते हैं, जहां लड़के से बात करते देख भाई हरकाते हैं – वही भाई अपने गर्लफ्रेंड के किस्से अपने दोस्तों को हंस-हंसकर सुनाते हैं |
हमने ऐसे समाज में जीते हैं जहां पत्थर की मूरत को लगते हैं 56 भोग, भूखे तड़पते सो जाते हैं कुछ लोग |
मजदूर को मजदूर समझे मजबूर नहीं गरीब को काम दीजिए दान नहीं
अगर दान देने इच्छुक है तो जीते जी रक्तदान, मरणो उपरांत अंगदान देकर किसी को जीवनदान दीजिए |
एक शैक्षिक वीमारी भी हमारे समाज में मुझे नजर आ रही है
बड़े आशचर्य की बात है – जिस देश में पूरी दुनिया को तकशिला और नालंदा जैसे विश्व अध्याय में शिक्षा की बुनियाद रखी आज 100 सर्वश्रेठ विश्वविधलय में हमारा एक भी विश्वविधालय में खड़ा नहीं हो पता है |
और मै बता दू यह शैक्षिक वीमारी का बस एक कारण, हमारी देश दी शिक्षा निति केवल दो तरह के लोगो के लिए बना हुआ है |
एक जो विध्वान है और दूसरा धनवान है |
इसी तरह की कई गजब की वीमारी है |
मेरे विचारो में जब तक देश का युवा अपने सफलता एवं देश के सार्वभौमिक विकाश के लिए, अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण निर्वाह नहीं करती – तब तक कुछ नहीं होगा |
मेरा विष्कार में राष्ट्र निर्माण तब सम्भव होगा –
जब महिलाओं का पूजा नहीं – इज्जत की जायेगी
राष्ट्र निर्माण तब संभव होगा जाती का संगरक्ष नहीं समाज की शक्तिकरण करेंगे |
राष्ट्र निर्माण तब संभव होगा जब स्वच्छता अभियान में केवल सरकार नहीं, बल्कि सड़क पर चलने वाला हर नागरिक हाथ बतायेगा
स्वच्छ भारत और स्वच्छ बात को दिल से आपनायेगा |
असल मायने में हमारा राष्ट्र निर्माण तब संभव होगा जब कोई गरीब बच्चा मध्यान भोजन के लिये नहीं बल्कि ज्ञान अर्चन के लिये सरकारी विधालय के चौकट पर कदम रखेगी |
बड़ी – बड़ी बाते नहीं छोटी – छोटी कोशिशे करनी चाहिये, क्योकि ठोकर हमे पहाड़ से नहीं पत्थर से लगा करती है |
I being a students, I being an Indian, I being son a son of this mother land proud to be an Indian.
मै सैलूट करना चाहूंगा, सरहद पर खड़े हर उस जवान को, इस देश की पुलिस , प्रशासन और किसान को, और देश के हर उस नागरिक को जो अपना काम पूरी ईमानदारी, पूरी मेहनत और लगन के साथ करता है |
जिनके बिना राष्ट्र निर्माण की कल्पना भी करना असम्भव सा लगता है |
और आज इस मच से पूरी जिम्मेदारी के साथ मै भारत का बेटा यह कहता हु , हमारा राष्ट्र निर्माण तक तब संभव होगा, तब हम सभी , मै , आप , हम सभी मिलकर प्रयास करेंगे | क्योकि हमारी देश की जिम्मेदारी हमे आगे ले जाने की |
हमारी जिम्मेदारी है देश को आगे ले जाने की , अपने राष्ट्र को आगे ले जाने की , अपने वतन का आगे ले जाने की |
आगे अंत में यही कहूंगा
मेरा हिंदुस्तान महान है , महान रहेगा,
होगा हौसला सब के सब के दिलो को जीतेंगे | तो पूरा हिंदुस्तान ही क्यों पाकिस्तान भी जय हिन्द बोलेगा – क्योकि सारे जहा से अच्छा हिंदुस्ता हमारा – हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसताँ हमारा ||
जय हिन्द, जय भारत , जय जवान , जय किसान ||
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